Search
भारतीय सिविल लेखा सेवा
1976 में विभागीयकरण के बाद भारत सरकार ने मंत्रालयों/विभागों के वित्त, लेखे और आंतरिक लेखा परीक्षा संगठनों में मध्य और वरिष्ठ स्तरों पर लेखांकन के लिए अलग समूह ‘क’ सेवा बनाने का निर्णय लिया। भारतीय सिविल लेखा सेवा में शुरूआत में अधिकारी भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग से प्रतिनियुक्त पर और स्थानांतरण करके लिए गए। 1977 से इस सेवा में नियमित भर्ती संयुक्त भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की गई है, जिसके माध्यम से देश की अन्य सभी प्रमुख सेवाओं के लिए भर्ती की जाती है।
भारतीय सिविल लेखा सेवा के अधिकारी मंत्रालयों में प्राप्तियों और व्यय नियंत्रण, प्राप्तियों और व्यय से संबंधित बजट अनुमानों की तैयारी से संबंधित प्रबंधन लेखा सूचना उपलब्ध कराने संबंधी महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। भारतीय सिविल लेखा सेवा में उपलब्ध व्यापक विशेषज्ञता का उपयोग सरकार ने निर्णय लेने के विभिन्न स्तरों पर किया है। भारतीय सिविल लेखा सेवा के अधिकारियों की विशेषज्ञ राय का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा बहुत सारे देशों में कोष और लेखांकन संबंधी विभिन्न कार्यों पर परामर्श देने के लिए भी किया गया है।
भारतीय सिविल लेखा सेवा के काडर में 208 पद हैं।
Visitor Count:39006783 Last Updated Date:28 Mar 2024